Brihadeeswara Temple,
Hindu Temple
दोस्तों , हिन्दू धर्म को सबसे प्राचीन धर्म माना जाता हैं। हिन्दू धर्म में कई ऐसी बाते हैं जो समज से परे हैं। यहाँ तक की विज्ञान भी उसको सुलझा नहीं पाया हैं।
आज हम ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बड़े में आपको बताने जा रहे हैं।हम बात कर रहे हैं बृहदेश्वर मंदिर की यह मंदिर तमिलनाडु के तंजोर जिले में स्थित हैं।
Brihadeeswarar temple, Hindu Temple ,Thanjavur, Tamilnadu |
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स्थापना :
बृहदेश्वर मंदिर की स्थापना 1003-1010 ई. के बीच चोल शासक प्रथम राजराज चोल के द्वारा किया गया था। यह मंदिर द्रविड़ियन आर्किटेक्चर का बहेतरीन उदहारण हैं राजा चोल के नाम पर इस मंदिर को राजराजेश्वर मन्दिर नाम दिया गया था।
परन्तु बाद में मराठा शासको ने इस मंदिर को बृहदेश्वर मंदिर का नाम दे दिया यह मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना कहा जा सकता हैं।
इस मंदिर से जुडी कई रसप्रद बातें हम आप को बताने जा रहे हैं।
अद्भुत स्थापत्य कला :
यह मंदिर निर्माणकला का एक सर्वोत्तम नमूना हैं। जैसा की बताया गया हैं की इस मंदिर का निर्माण 1003-1010 ई. के बीच हुआ हैं। उस समय में ऐसी इंजिनीअरिंग सुविधा उपलब्ध नहीं थी तो ज़रा सोचिऐ राजा चोल और उनके कारीगरों को इस मंदिर का निर्माण करने में केसी केसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा होगा ?
सबसे ऊंचा मंदिर :
यह मंदिर विश्व क सबसे ऊँचा मंदिर हैं ,यह मदिर तंजोर जिले के किसी भी क्षेत्र से देखा जा सकता हैं। यह मंदिर 70 मीटर यानी 230 फ़ीट की ऊँचा हैं 120 मीटर यानी 315 फ़ीट चौड़ा हैं।
पिरामिड का आकार :
इस मंदिर का निर्माण पत्थर की 13 सतहों से किया गया हैं। इस मंदिर का आकार पिरमिड जैसा हैं। इस मंदिर का केंद्र पत्थर जिसे हिन्दू आर्किटेक्चर भाषा में " विमाना " कहा जाता हैं उसका वज़न 106 किलो बताया जाता हैं। यह मंदिर 13 मंजिलो से बना हैं तो ज़रा सोचिये उस वक़्त में इस "विमाना " को एकदम सही कोण ,सही जगह एवं सही तरिके से कैसे रखा गया होगा।
मंदिर का गुम्बज :
इस मंदिर के शीर्ष पर एक विशाल गुम्बज हैं। तो यह भी सोचने वाली बात है की उस समय इस विशालकाय पत्थर को मंदिर के शीर्ष पर कैसे रखा गया होगा। जबकि उस वक़्त आज के जैसी सुविधाए उपलब्ध नहीं थी।
मंदिर की रचना :
इस मंदिर का रचना एक रहस्य हैं वो इसीलिए क्यूंकि यह मंदिर दुनिया का एकमात्र मंदिर हैं जो ग्रेनाइट से बना हैं। और इस मंदिर की रचना समतल ज़मीन पर हुई हैं। ...जी हा...इस मंदिर की बिना नीव के हुई हैं। इस मंदिर की रचना में किसी भी तरह का गोंद या सीमेंट का इस्तेमाल नहीं हुआ हैं। मंदिर की रचना में इस्तेमाल हुए पत्थर को इस तरह पजल सिस्टम से इंटरलॉक किया गया हैं की पत्थर कभी भी अलग न हो सकते।इसीलिए लोग इसकी रचना श्रेय स्वयं भगवान शिव को देते हैं।
गुम्बज की परछाई नहीं पड़ती :
इस मंदिर की सबसे रहस्यमयी बात यह हैं की मंदिर के गुम्बज जिसे " गोपुरम " कहा जाता हैं उस गोपुरम पे सूरज की किरणे चाहे दिन के किसी भी समय पे किसी भी तरफ से गिरे गोपुरम की थोड़ी सी भी परछाई जमीं पे नहीं पड़ती। इसके लिए मंदिर का गर्भगृह का गोपुरम से लम्बा होना माना जाता हैं।पर अगर ऐसा है तो वो दिन के एक निश्चित समय पे होना चाहिए ना ...? पर गोपुरम की परछाई दिन के किसी भी समय में कही भी नहीं पड़ती। इसीलिए यह विज्ञान के लिए भी एक रहस्य हैं।
Brihadeeswarar temple, Hindu Temple |
शिवलिंग :
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। यहाँ पर भगवन शिव की आराधना की जाती हैं। यहाँ भगवान शिव की नटराज स्वरुप की मूर्ति भी स्थित हैं यहाँ चंदेश्वर शिव के साथ साथ उनकी पत्नी शुभ्रमण्य एवं गणेशजी के भी दर्शन होते हैं। यहाँ की सभी मूर्तियां चोल वंश के समय की तस्वीरों पर आधारित हैं। यहाँ पर स्थित शिवलिंग के ऊपर पंचमुखी सर्प विराजमान हैं शिवलिंग को एक अलौकिक दृश्य प्रदान करता हैं।
Shivlinga, Brihadeeswarar temple |
विशालकाय नंदीजी की मूर्ति :
मंदिर में शिवजी के सामने स्थापित नंदी जी की मूर्ति भी एक रहस्य हैं। इस नींदी जी की मूर्ति की ऊंचाई 13 फ़ीट हैं और इन्हे भी एक ही पत्थर से बनाया गया हैं। इस मूर्ति के बारे में ऐसा कहा जाता हैं की चोला काल में स्थापना के बाद नंदी जी की मूर्ति आकार में स्वयं बढ़ती जा रही थी। फिर इस मूर्ति के आस पास बड़ी किले लगा कर इसकी वृद्धि रोकी गई।
Brihadeeswarar temple, Hindu Temple, Nandi |
मंदिर का गर्भगृह :
इस मंदिर की आर्किटेक्चर की एक ख़ास बात मंदिर के स्ट्रक्चरल डिज़ाइन की यहाँ भी हैं की इस मंदिर के गर्भगृह में कोई ध्वनि कैसी सुनाई देती हैं यह भी रहस्य हैं। मंदिर के गर्भगृह में ॐ का उच्चारण करने पर ऐसी ध्वनि उत्पन्न होती हैं मन और मष्तिष्क दोनों एकदम शांत हो जाते हैं।
इतने सारे रहस्य और जवाब एक का भी नहीं ....तो इसे भारत के रहस्यमयी मंदिरो में से एक माना जाता हैं। और ये स्वाभाविक भी हैं।
तो हम आशा करते हैं की आपको यह लेख पसंद आया होगा।
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