Shaktipeeth, Hindu Temple, Ambaji
हिन्दू धर्म के अनुसार ,भारत में 51 शक्तिपीठ का उल्लेख हैं। माँ सती जो भगवान शिव की पत्नी हैं उनके शरीर के टुकड़े भारत में 51 अलग अलग जगहों पर गिरे थे।
भारत के जीस हिस्सों में देवी सती के शरीर के टुकड़े गिरे थे उन्ही स्थानों को आज 51 शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता हैं। तंत्र चूड़ामणि के अनुसार इसकी संख्या 52 हैं।
देवी सती के पिता दक्ष ने एक महायज्ञ का आयोजन किया। उसमे सभी देवी देवताओ को आमंत्रित किया परन्तु भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया।
तब देवी सती अपने स्वामी के स्थान पर यज्ञ में भाग लेने व भगवान शिव को आमंत्रित न करने का कारण जानने अपने पिता के घर गई।
राजा दक्ष ने भगवान शिव का घोर अपमान किया। अपने स्वामी के अपमान से व्यथित होकर देवी सती ने उसी यज्ञकुंड में अपने प्राणो की आहुति देदी।
जब शिवजी को ये बात ज्ञात हुई तो वह क्रोधित हो उठे उनके क्रोध से भयभीत होकर सभी देवता वहा से चले गए।
Devi Satee , Mahadev |
भगवान शिव देवी सती के पार्थिव देह को उठा कर सारे ब्रह्माण्ड में शोकमग्न होकर घूमते रहे। तब सृष्टि के संतुलन के लिए शिवजी को उस शोक से उगराना अनिवार्य था।
इसीलिए भवान विष्णु ने अपने सुदर्शन से देवी सती के शरीर के टुकड़े कर दिए।
51 शक्तिपीठ से एक प्रचलित शक्तिपीठ गुजरात के अम्बाजी में स्थित हैं। कहा जाता हे की यहाँ देवी सती का हृदय का भाग गिरा था।
यह मंदिर अरवल्ली के पर्वत श्रृंखला के बीच आरासुर पर्वत पर स्थित हैं।यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत हैं।
Shaktipeeth,Ambaji, Gujarat |
माँ के निज मंदिर में कोई मूर्ति स्थापित नहीं हैं केवल वीसायंत्र हैं इसे खुली आँखों से देखना वर्जित हैं।
माँ के निज मंदिर में एक पवित्र अखंड ज्योत जलती रहती हैं। इसके अलावा सनसेट पॉइंट ,गुफाएं, माताजी का जुला आदि और भी दर्शनीय स्थल हैं।
अम्बाजी में भक्तो की भीड़ सालभर रहती हैं। किन्तु भाद्रपद्र की पूर्णिमा का अलग माहात्म्य हैं। हर साल इस पूर्णिमा को भक्त पैदल यात्रा करके माता के द्वार पहुंचते हैं।
माँ की आराधना और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। मनोकामना पूर्ति पर ध्वजा आरोहण भी करते हैं।